एसिडिटी कारण, लक्षण और उपाय-Home remedy For Acidity

यहाँ आज हम home remedy for acidity जानेगे। साथ ही acidity in hindi के causes और symptoms को भी देखेंगे तो चलिए जानते है

एसिडिटी क्या है-What is Acidity in Hindi

  • एक आम समस्या है जिससे लगभग हम सभी लोग कभी न कभी सामना करते ही है। एसिडिटी को हम  चिकित्सीय भाषा में गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) की स्थिति भी कह सकते है ये तब होता है जब पेट का एसिड अक्सर आपके मुंह और पेट को जोड़ने वाली ट्यूब में वापस आ जाता है। यह एसिड रिफ्लक्स आहार नली में जलन पैदा कर देता है।
  • बहुत से लोग समय-समय पर एसिड रिफ्लक्स का अनुभव करते हैं। जीईआरडी या एसिडिटी हल्के एसिड रिफ्लक्स है जो सप्ताह में कम से कम दो बार होता है, या मध्यम से गंभीर एसिड रिफ्लक्स होता है जो सप्ताह में कम से कम एक बार होता है।
  • हम कुछ घरेलु उपाय home remedy for acidity से उसके लक्षणों (symptoms) को कम कर सकते है।
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एसिडिटी के कारण-Causes of Acidity in Hindi

  • एसिडिटी या जीईआरडी अक्सर एसिड रिफ्लक्स के कारण होता है।जब आप निगलते हैं, तो आपके अन्नप्रणाली के नीचे की मांसपेशियों का एक गोलाकार बैंड होता है जिसे सोफेगाल स्फिंक्टर कहते है यह आपके पेट में भोजन और तरल को प्रवाह करने की अनुमति देता है।
  • जब यह इसोफेगल स्फिंक्टर कमजोर होता है, तो पेट का एसिड आपके इसोफेगल में वापस बह सकता है। एसिड का यह लगातार बैकवाश आपके अन्नप्रणाली  में जलन करता है, जिससे अक्सर यहाँ सूजन हो जाती है।[1]

एसिडिटी के होने की संभावना को बढ़ाने वाली स्थितियों में शामिल हैं

  • मोटापा
  • डायाफ्राम (पेट की हर्निया) में पेट के ऊपर की ओर उभार
  • गर्भावस्था
  • संयोजी ऊतक विकार, जैसे कि स्क्लेरोडर्मा
  • विलंबित पेट खाली
  • एसिड रिफ्लक्स को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल हैं:
  • धूम्रपान
  • रात को देर से भोजन करना या खाना
  • वसायुक्त या तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे कुछ खाद्य पदार्थ (ट्रिगर) खाने से
  • कुछ पेय पदार्थ, जैसे शराब या कॉफी पीना
  • कुछ दवाएँ लेना, जैसे कि एस्पिरिन

एसिडिटी के लक्षण-Symptoms of Acidity in Hindi

एसिडिटी या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) की समस्या होने पर आप को इस प्रकार के लक्षण मिल सकते है जिसमे  सबसे आम लक्षण नियमित रूप से जलन होना, आपके सीने के बीच में, आपके स्तन के पीछे, और आपके पेट के बीच में दर्द या जलन होती है।[2]

 इसके अलावा अन्य लक्षण भी मिल सकते है जैसे:

  • सांसों की बदबू
  • जी मिचलाना
  • आपकी छाती में दर्द या आपके पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • निगलने या दर्दनाक निगलने में समस्याएं
  • श्वांस - प्रणाली की समस्यायें

एसिडिटी के घरेलू उपाय-Home Remedy for Acidity in Hindi

एसिडिटी की समस्या को कुछ हद तक घरेलू उपचार से तुरंत आराम पाया जा सकता है आइये जानते है कुछ ऐसे ही घरेलू उपचार

एसिडिटी को कम करे मुलेठी-Mulethi(Licorice) Helps Reduce Acidity in Hindi

मुलेठी का सेवन एसिडिटी (home remedy for acidity)में आपको आराम दे सकता है। मुलेठी सीने की जलन कम करने में मदद करती है। मुलेठी की जड़  या इसका पाउडर एसिडिटी को कम करने में प्रयोग किया जाता है। 

मुलेठी एसिडिटी को कम कैसे करता है 

  • मुलेठी का उपयोग करने से यह एसिड के अधिक मात्रा में बनाने से रोकता है जिससे एसिड की मात्रा अमाशय में नियंत्रित हो जाती है और एसिडिटी के लक्षणों से आराम मिलता है।[3

मुलेठी का एसिडिटी में उपयोग का तरीका -How to Use Mulethi in Acidity in Hindi

  • मुलेठी बाजार में कई प्रकार के रूप में उपलब्ध है जैसे - पाउडर के रूप, कैप्सूल के रूप में जिनमे मुलेठी एक्सट्रेक्ट के रूप में होती है। 
  • मुलेठी की जड़ में बाजार में मिलती है जिसका उपयोग एसिडिटी के साथ-साथ अन्य रोगो में भी किया जाता है। 
  • मुलेठी पाउडर का उपयोग खाने से पहले ले इसे पानी के साथ लिया जा सकता है इसकी मात्रा के लिए आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श करे। 
  • मुलेठी कैप्सूल की भी आप एसिडिटी कम करने में उपयोग कर सकते है इसमें खाने से पहले ले। मात्रा के लिए आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श करे। 
  • मुलेठी की जड़ को सीधे सी आप मुँह में रखकर चूसने से भी एसिडिटी में आराम होता है। 
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एसिडिटी में आराम से एलोवेरा-Aloevera Home Remedy for Acidity in Hindi

एलोवेरा पाचन तंत्र से संबंधी विकारो के लिए के लक्षणों को कम करने के लिए जानी -मानी औषधि है  जो की लगभग हर घर में होती ही है। एलोवेरा का जूस से लेकर घर में पाए जाने वाला पौधा भी औषधि के रूप में उपयोग किया जा सकता है। 

एलोवेरा  एसिडिटी को कम कैसे करता है 

  • एलोवेरा का सेवन एसिडिटी को कम करने में मदद करता है साथ ही यह  एसिड के कारण होने अमाशय के अलसर को भी होने से रोकता है क्योंकि एक एसिड के ज्यादा स्त्राव यानि सेक्रेशन को नियंत्रित करता है जिससे एसिड अधिक मात्रा में नहीं निकल पाता और एसिडिटी के लक्षणों में कमी होने लगती है। 
  • एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेटरी को गुण भी पाया जाता है जिससे ये आमाशय की लयेर में इन्फ्लेम्शन होने से रोकता है अलसर होने को संभावना कम हो जाती है।[4]

एलोवेरा का एसिडिटी में उपयोग का तरीका- How to Use Aloevera in Acidity in Hindi

  • एलो वेरा का उपयोग एलोवेरा की पत्ती को काट कर,  जूस के रूप में और कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है 
  • एलो वेरा की पत्ती को सीधे ही काट के उसके टुकड़े को धोकर,उसकी ऊपरी सतह को हटा दे फिर उसका खाने से पहले उपयोग करे जो की तुरंत एसिड रेफ्लेक्स में आराम देता है। 
  • एलोवेरा का जूस खाने से पहले दिन में एक बार लेने से भी एसिडिटी में आराम मिलता है। 
  • इसके लिए जूस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर उसको पतला कर ले 
  • पानी मिलाने से उसका कडुवापन कम हो जाता है। 
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सौंफ का सेवन दे एसिडिटी में आराम- Fennel seeds Give Relief in Acidity in Hindi

सौंफ का उपयोग पाचन को अच्छा रखने के लिए वर्षों से किया जा  रहा है। अधिकांश लोग खाना खाने के बाद सौंफ का सेवन करते है जिससे खाया हुआ खाना ठीक से पच जाए। सौंफ का सेवन एसिडिटी से भी आराम देता है। एसिडिटी होने पर सौंफ का पानी तुरंत आराम देता है।

सौंफ  एसिडिटी को कम कैसे करता है

  • सौंफ का सेवन पाचन को अच्छा रखता है जिससे खाना ठीक से पच जाता है और एसिडिटी होने की संभावना कम हो जाती है।  एसिडिटी होने पर भी सौंफ का पानी फायदे मंद होता है।[5] 

सौंफ  का एसिडिटी कम करने में उपयोग कैसे करे- How to Use Saunf in Acidity in Hindi

  • सौंफ को एसिडिटी से बचने और एसिडिटी होने पर दोनों स्थिति में उपयोग कर सकते है 
  • सौंफ या  सौंफ का पाउडर खाना खाने से बाद लेने पर यह खाना को ठीक से पचाने में मदद करती है और एसिडिटी होने से रोकती है। 
  • सौंफ का पानी  एसिडिटी होने पर उसको कम करने में मदद करता है।  सौंफ का पानी थोड़ा -थोड़ा करके पीये तो यह एसिडिटी को कम कर देता है। 
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और पढ़े : आँवले के पाचन के लिए फायदे

कैमोमाइल करे एसिडिटी दूर- Chamomile Benefits for Acidity in Hindi

जी हाँ, कैमोमाइल एसिडिटी या जीईआरडी के लक्षणों को कम करने में कैमोमाइल फायदेमंद होता है। कैमोमाइल को टी के रूप में उपयोग किया जाता है यानि को कैमोमाइल के फूलों का काढ़ा एसिडिटी में फायदे मंद होता है। 

 एसिडिटी को कम कैसे करता है

  • कैमोमाइल अपने हल्के सेडेटिव प्रभाव के लिए जाना जाता है लेकिन  यह पाचनतंत्र में होनेवाली ऐंठन को भी करने में कारगर है इसलिए इसका उपयोग जीईआरडी में किया जाता है कैमोमाइल को आमतौर पर गर्म पानी के रूप में यानि टी बनाकर उपयोग किया जाता है।[6

कैमोमाइल का एसिडिटी कम करने में उपयोग कैसे करे- How to Use Saunf in Acidity in Hindi

  • कैमोमाइल का उपयोग एसिडिटी को कम करने में टी यानि काढ़े के रूप में किया जाता है। कैमोमाइल-टी के लिए कैमोमाइल के फूलों को के कर पानी में उबाले पांच से दस मिनट फिर छान कर हल्का गुनगुना पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है।
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Dr.Sourabh Sahu

BAMS PGDYT Ayurveda Physician Reg.No.50388 Experience: 10years

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