ब्राह्मी के फायदे- Brahmi Benefits in Hindi

इस लेख में हम पढ़ेंगे Brahmi benefits in Hindi जिसमे हम जानेगे की ब्राह्मी क्या है इसका चूर्ण Brahmi churna ke fayde क्या है? साथ ही जानेगे Brahmi benefits for hair in hindi और how to take Brahmi churna को। आइये शुरू करते है:

ब्राह्मी का परिचय- Introduction of Brahmi

  • ब्राह्मी भारत में यह सर्वत्र आर्द्र एवं दलदली भूमि पर पाई जाती है। बंगाल में इसका अधिक प्रयोग किया जाता है, अत: इसे बंगीय ब्राह्मी भी कहते है। इसका क्षुप-प्रसरी एवं किञ्चित् मांसल होता है। पत्ते-अभिलट्वाकार, आयताकार या सुवा के आकार के अखण्ड, अवृन्त, कुण्ठितात्र, सूक्ष्म काले चिह्नों से युक्त एवं ६-२५ x २.५-१० मि.मी. बड़े होते हैं। पुष्प-जामुनी मिला हुआ श्वेत या गुलाबी रंग का होता है।
  • इसका स्वाद कड़वा होने से तथा जल के समीप होने से इसे जलनीम भी कहते हैं। इसके पंचांग का व्यवहार किया जाता है। जल के समीप पैदा होने तथा स्वाद में नीम जैसी कड़वी होने की वजह से इसे जलनीम भी कहते हैं।

ब्राह्मी के अन्य नाम- Common Name of Brahmi

संस्कृत-कपोतः वङका, सोमवल्ली, सरस्वती, ब्राह्मी, ऐन्द्री; हिन्दी-ब्राह्मी, जलनीम; उड़िया-ब्राम्ही (Brahmi); असमिया-ब्रह्मी (Brahmi); कन्नड़-नीर ब्राह्मी (Neerbrahmi), गुजराती-जल ब्राह्मी (Jal brahmi); तमिल-नीराब्रह्मी (Neerabrahmi); बंगाली-ब्राह्मीशाक (Brahmishak); मराठी-ब्राह्मी (Brahmi); मलयालम-बार्ना (Barna); मणिपुरी-ब्राह्मी-शाक(Brahmisak);अंग्रेज़ी-वाटर हायस्सोप (Water hyssop),लैटिन नाम (Latin name )-Bacopa monnieri (Linn.) Wettst. (बाकोपा मोनिएरी) Syn-Herpestis monnieri (Linn.) Kunth फैमिली (family)- Scrophulariaceae (स्क्रोफुलेरिएसी)।

ब्राह्मी के आयुर्वेदिक गुणधर्म- Ayurvedic Properties of Brahmi 

ब्राह्मी हिमा सरा तिक्ता लधुर्मेध्या च शीतला। कषाया मधुरा स्वादुपाकाऽऽयुष्या रसायनी॥ स्वर्या स्मृतिप्रदा कुष्ठपाण्डुमेहाम्रकासजित्। विषशोथज्वरहरी......

भावप्रकाश

ब्राह्मी कषाय, मधुर, तिक्त, शीत, लघु, कफवातशामक, आयुवर्धक, बुद्धिवर्धक, रसायन, स्वरवर्धक, वय:स्थापक, दीपन, सर, स्मृतिवर्धक, प्रजास्थापन, कंठशोधक तथा हृद्य होती है। यह कुष्ठ, पाण्डु, प्रमेह, शोथ, विष, ज्वर, कण्डू, प्लीहा रोग, अरुचि, श्वास, कास, मोह, उन्माद, हृदय रोग, अग्निमांद्य, विबन्ध, दौर्बल्य एवं वातरक्त नाशक होती है। इसका पञ्चाङ्ग,प्रशामक, पेशी शैथिल्य कारक, उद् बेस्ट रोधी, कर्कटार्बुदरोधी, वेदनाशामक, स्तम्भक, हृदयबलकारक, मूत्रल, मस्तिष्क बलकारक, विरेचक, वातानुलोमक, पाचन, शोथरोधी होता है।

ब्राह्मी के फायदे- Brahmi Benefits in Hindi

आइये अब  जानते है ब्राह्मी के उपयोग से क्या फायदे होते है  साथ  इसको  कैसे उपयोग  करते है:

ब्राह्मी करे मानसिक तनाव को दूर- Brahmi Benefits for Stress in Hindi

ब्राह्मी का सेवन मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है। आजकल की जीवन शैली के कारण मानसिक तनाव होना एक आम समस्या है। इस समस्या में ब्राह्मी का सेवन आपको कुछ हद तक आराम दे सकता है क्योंकि ब्राह्मी में पाये जाने वाले तत्व स्ट्रेस हार्मोन्स को साम्य अवस्था यानि बैलेंस में लाकर स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसारभी ब्राह्मी में मेध्य का गुण होता है जो की मष्तिस्क को शांत कर मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।[1]

Brahmi Benefits in Hindi

ब्राह्मी स्मृति बढ़ाने में सहायक- Brahmi Boosts Memory in Hindi

यदि आप जल्दी बातों को भूल जाते है या आपको कुछ जानकारी को सीखने या सीखी हुई या जानी हुई जानकारी को दुबारा याद करने में समय लगता है तो आप ब्राह्मी का सेवन कर सकते है क्योंकि ब्राह्मी में न्यूरोप्रोटेक्टिव और नुट्रोपिक जैसे गुण पाये जाते है जो कि इसको एक मेमोरी इंहैंसर के रूप में पहचान दिलाते है आयुर्वेद के अनुसार ब्राह्मी मेध्य और रसायन होने के कारण यह मष्तिस्क की क्रियाशीलता हो बढ़ाने में मदद करता है।[2],[3]

ब्राह्मी अच्छी नींद लाने में सहायक- Brahmi Benefits for Insomnia in Hindi

ब्राह्मी का  सेवन  स्ट्रेस के कारण डिस्टर्ब होने  वाली नींद की समस्या में फायदेमंद होता है। मानसिक तनाव के कारण यदि आप अनिद्रा से परेशान है तो आप ब्राह्मी का सेवन कर सकते है क्योंकि ब्राह्मी मष्तिस्क को शांत रखने में मदद करती है जिससे अच्छी नींद आती है और  जब नींद पूरी होती है तो आप अच्छा महसूस करते है।[4]

रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाये ब्राह्मी- Brahmi Boosts Immunity in Hindi

ब्राह्मी का सेवन रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। मौसम के परिवर्तन और स्थान के परिवर्तन के कारण आप जल्दी-जल्दी बीमार होते है और साथ ही सामान्य सा सर्दी जुकाम भी आप को काफी समय तक परेशान करता है तो आप ब्राह्मी का सेवन शुरू कर सकते है क्योंकि ब्राह्मी में पाये जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट का गुण शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है। आयुर्वेद में भी ब्राह्मी को रसायन कहा गया है रसायन का मतलब आरोग्य को देने वाला। यानि ब्राह्मी का सेवन इम्युनिटी को बढ़ाकर आरोग्य को देने वाला होता है।[5]

ये भी पढ़े: इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलु उपाय

कैंसर को रोकने में कारगर ब्राह्मी- Brahmi Helps to Control Cancer

ब्राह्मी का सेवन कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करता है। कैंसर की समस्या में ब्राह्मी का सेवन इसको फैलने से रोकने में मदद करता है क्योंकि ब्राह्मी में एंटीकैंसर और एंटी टोमोरिगेनिक का गुण पाया जाता है जो की कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार ब्राह्मी में रसायन का गुण होने के कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करता है।[6]

ब्राह्मी मिर्गी रोग में फायदेमंद- Brahmi Benefits for Epilepsy in Hindi

मिर्गी रोग यानि एपिलेप्सी की समस्या में ब्राह्मी का सेवन फायदे होता है। ब्राह्मी का सेवन मिर्गी के दौरे की निरंतरता को कम करने में मदद करता है यानि की ब्राह्मी एपिलेप्सी के एपिसोड्स की फ्रीक्वेंसी को कम करने में मदद करती है क्योंकि इसमें एंटी एपिलेक्टिक का गुण पाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार ब्राही में मेध्य गुण होने के करना यह मस्तिष्क को शांत करने में मदद करती है जिससे यह मिर्गी के दौरों में कमी होने लगती है।[7]

त्वचा के लिये फायदेमंद- Brahmi Benefits for Skin in Hindi

ब्राह्मी का उपयोग घाव के भरने के साथ- साथ यह स्किन के स्ट्रेच मार्क को भी कम करने में मदद करती है इसलिए यदि आप इस प्रकार की किसी भी समस्या से परेशान है तो आप ब्राह्मी का उपयोग कर सकते है आयुर्वेद में भी ब्राह्मी के कषाय गुण को बताया गया जो की त्वचा संबंधी समस्या जैसे अधिक मात्रा में तैलीयपन को कम करने में मदद करता है।[8]

बालों का मजबूत बनाये ब्राह्मी- Brahmi Benefits for Hair in Hindi

ब्राह्मी का उपयोग बालों संबंधी समस्या में भी काफी फायदेमंद होता है। कई सारे आयुर्वेदिक तेलों में ब्राह्मी मुख्य घटक के रूप उपयोग किया जाता है क्योंकि ब्राह्मी बालों की वृद्धि के साथ- साथ उनके झड़ने को भी नियंत्रित करती है।[9]

ब्राह्मी के उपयोग का तरीका- How to Use Brahmi in Hindi

ब्राह्मी का उपयोग उसकी प्राप्ति के आधार पर अनेक प्रकार से किया जा सकता है जैसे

  • ब्राह्मी की हरी और ताज़ी पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसको त्वचा या बालों पर लगाया जा सकता है। 
  • ब्राह्मी की पत्तियों का ताजा रस निकाल कर उपयोग किया जा सकता है। 
  • ब्राही यदि सूखी जड़ी-बूटी के रूप में मिले तो इसका उपयोग काढ़ा बनाकर पीने के लिए किया जा सकता है। 
  • ब्राह्मी चूर्ण, टेबलेट और कैप्सूल्स को चिकित्सक से परामर्श ले कर उपयोग कर सकते है। 
  • ब्राम्ही का तेल के रूप में उपयोग बालों पर किया जा सकता है।

ब्राह्मी के नुकसान- Brahmi Side Effects in Hindi 

ब्राह्मी का सेवन यदि उचित मात्रा और चिकित्सक के परामर्श अनुसार किया जाये तो ब्राह्मी के कारण किसी प्रकार के घातक दुष्परिणाम नहीं देखे गए है लेकिन ब्राह्मी सेवन करने से पहले और करते समय निम्न बातों का ध्यान जरूर रखे

ब्राह्मी का सेवन चिकित्सक के परामर्श लेने के बाद ही शुरू करे करें।

यदि आपको हार्टरेट से सम्बंधित रोग है तो ब्राह्मी के सेवन से बचे या फिर चिकित्सक से परामर्श ले कर ही ब्राह्मी शुरू करें। 

गर्भवती महिलायें और स्तनपान कराने बाली मातायें चिकित्सक से परामर्श के बाद ही ब्राह्मी का सेवन करें।[10]

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Dr.Sourabh Sahu

BAMS PGDYT Ayurveda Physician Reg.No.50388 Experience: 10years

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