शिलाजीत के फायदे और नुकसान-Shilajit Benefits and Side Effects in Hindi

शिलाजीत क्या है-What is Shilajit in Hindi

आयुर्वेद के ग्रंथों में शिलाजीत चट्टानों की  तलहटी में पाया जाने वाला खनिज है जो प्राकृतिक रूप से अपने आप बनता है। ग्रीष्म ऋतु में पत्थर सूर्य की तेज किरणों की वजह से चट्टानों के पिघलने की वजह से बनता है। इसीलिए इसे शिलाजीत बोला गया है।

आयुर्वेद में इसे अद्भुत औषधि के रूप में उल्लेखित किया गया है।  शिलाजीत के सेवन से असाध्य रोगों में भी आराम मिलता है। शिलाजीत का पुरुषों में पाये जाने वाली शारीरिक कमज़ोरी को दूर करने में अच्छा परिणाम देखा गया है।  इसके अलावा वात रोगो, मूत्र सम्बन्धी रोगो में भी होता है। स्त्रियों में भी दौर्बल्यता और वात विकारो में शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है।

शिलाजीत के अन्य नाम- Others Name of Shilajit

शिलाजीत को अन्य नामो से भी जाना जाता है जैसे - संस्कृत और आयुर्वेदिक नाम -आदिराज असमाजा, गिरि, शिला, शैलजा, शिलाजतु, निरयसा शैलधातुज। अंग्रेजी नाम- मिनिरल पिच और मिनिरल वैक्स (Mineral pitch or Mineral wax),लैटिन नाम - ब्लैक एस्फाल्टम(Black Asphaltum)

शिलाजीत कहाँ से मिलता है-Where can I get shilajit in Hindi

शिलाजतु प्रकृति में पहाड़ों के स्राव रूप में मिलता है। इस खनिज में ५०% तक शुद्ध शिलाजतु रहता है। शेष भाग मिट्टी आदि अपद्रव्य के होते हैं। कहीं-कहीं पर पर्वत स्राव जन्य शुद्ध (Pure) भी प्राप्त होता है। 

कुछ आधुनिक विद्वानों का मत है कि ऊंचाई पर होने वाले स्नुही जाति के वृक्षों से यह स्त्राव निकलकर पत्थरों के बीच से होता हुआ नीचे पहाड़ों पर जम जाता है। संभव है कुछ स्थानों पर यह स्नुही से प्राप्त होता हो, लेकिन संभव है कि इसका स्त्रोत और भी हो। 

भारत में शिलाजतु उत्तर प्रदेश वर्तमान में उत्तराञ्चल के कुमाँयू जिले में सरयू और रामगंगा के बीच वाले पर्वत में, चूने के पत्थरों से स्ववित होता है। गढ़वाल, गंगोत्तरी एवं यमुनोत्तरी में भी शिलाजतु प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसके अतिरिक्त नेपाल एवं भूटान में भी शिलाजतु प्रचुर मात्रा में मिलता है।

शुद्ध शिलाजतु के आयुर्वेदिक गुण-धर्म -Ayurvedic Property of Shilajit in Hindi

महर्षि अग्निवेश कहते हैं कि पृथ्वी पर कोई ऐसा साध्य रोग नहीं है जिसे विधिवत् प्रयोग-अनुपान-मात्रा-पथ्य आदि के द्वारा शुद्ध शिलाजतु नष्ट नहीं कर दें। साथ ही यदि स्वस्थ व्यक्ति शुद्ध शिलाजतु का प्रयोग करे तो उसे अत्यन्त ओजस्वी और शक्तिशाली बना देता है। 

महर्षि सुश्रुत भी प्रायः ऐसा ही कहते हैं। रसग्रन्थकार आचार्य वाग्भट कहते हैं कि रसवर्ग, उपरसवर्ग, पारद, रत्नवर्ग और लोहवर्ग में जितने भी गुण हैं वे सब गुण शुद्ध शिलाजतु में रहते हैं। साथ ही जरा- मृत्यु को भी नष्ट करता है। मेध्य, बृष्य, बल्य,वाजीकरण, योगवाहि और स्मृतिप्रद है। शिलाजीत कटु-तिक्त रस वाला यानि तीखापन लिए हुए कडुवा होता है। विपाक में कटु, मलों को का छेदन करने वाला और रसायन होता है। 

शिलाजीत के प्रकार- Types of Shilajit in Hindi

आयुर्वेद की संहिताओं  में शिलाजीत के प्रकारों का वर्णन किया गया है जो कि इस प्रकार है 

  • चरक के अनुसार - स्वर्ण, रजत, ताम्र, लौहा।
  • सुश्रुत के अनुसार - स्वर्ण, रजत, ताम्र, लौहा, वंग, नाग। 
  • गंध के आधार पर -गोमूत्र गंधी  (ब्लैकबिटमेन) और कर्पूर गंधी (पोटेशियम नाइट्रेट) शिलाजीत।

शिलाजीत के फायदे-Benefits of Shilajit In Hindi-

आयुर्वेद में शिलाजीत को रसायन माना गया है इसके सेवन से शरीर में आरोग्य की प्राप्ति होती है आइये जानते है इसके कुछ महत्वपूर्ण फ़ायदे 

शिलाजीत पुरुष के लिए फ़ायदेमंद- Shilajit Benefits for Male Infertility and Testosterone in Hindi

शिलाजीत का सेवन पुरुष की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है शिलाजीत का सेवन कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करता है साथ ही ये शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को भी बढ़ाता  है। शिलाजीत के सेवन से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा में भी परिवर्तन देखा गया है।

याददाश्त और मष्तिस्क के लिए फ़ायदेमंद-Shilajit Improves Memory and Brain Functions in Hindi

आपको यदि आपको किसी बात को याद रखने में परेशानी होती है या फिर आप कुछ चीज़ रखकर भूल जाते है तो आपके लिए शीलजीत का सेवन फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि शिलाजीत  मष्तिस्क के कार्यो में तेजी लाने के साथ याददाश्त को अच्छा बनाये रखने में मदद करता है।

शारीरिक कमज़ोरी में फ़ायदेमंद-Shilajit Benefit for Chronic Fatigue in Hindi

शिलाजीत का सेवन शारीरिक कमज़ोरी को दूर करने  में फ़ायदेमंद है जब आप अपनी व्यस्त दिनचर्या और अनियमित खान-पान के कारण शरीर में कमज़ोरी या थकावट महसूस करते है तो आप के लिए शिलाजीत का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि शिलाजीत में पाए जाने वाले तत्व शरीर को पोषण देकर शरीर की कमज़ोरी को दूर करने में  मदद करते है।

हड्डियों और गठिया रोग में फ़ायदेमंद-Shilajit Benefit for Bone and Arthritis

शिलाजीत का सेवन सिर्फ पुरुषों तक ही सीमित नहीं है इसका उपयोग स्त्रीयां भी कर सकती है विशेष रूप से हड्डियों और जोड़ों संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए।शिलाजीत  में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और दर्दनिवारक गुण जोड़ों के शोथ को कम करके दर्द में आराम देते है।

वजन को नियंत्रित करने में सहायक-Shilajit Helpful to Reduce Body Weight in Hndi

बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में आप सभी उपाय अपना चुके है तो शिलाजीत  सेवन आप शुरू कर सकते है क्योंकि शिलाजीत में पाए जाने वाले तत्व मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर का सेवन वजन को कम करने में सहायक होते है। 

कमज़ोर इम्युनिटी को बढ़ाने में शिलाजीत फ़ायदेमंद - Shilajit Benefit to Boosting Immunity in Hindi

मौसम के बदलते है बीमार होना एक आम बात है लेकिन मौसमीं बीमारियों का जल्द ठीक न होना और बार- बार होना ये बताता है कि आप की इम्युनिटी यानि रोगों से लड़ने की क्षमता कम है इस के लिए आप शिलाजीत का उपयोग कर सकते है क्योंकि शिलाजीत में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी का गुण पाया जाता है जो की शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।

डायबिटीज़ में शिलाजीत का उपयोग फ़ायदेमंद - Shilajit Benefit for Diabetes in Hindi

डायबिटीज़ में शुगर की मात्रा सही से निंयत्रित नहीं है या अनियंत्रित शुगर के कारण आप को कमजोरी से लक्षण है तो आप शिलाजीत का सेवन कर सकते है क्योंकि शिलाजीत में एंटी-डायबिटिक का गुण पाया जाता है जो की शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ -साथ डायबटीज़ के अन्य लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है।

हृदय को स्वस्थ्य रखने में शिलाजीत फ़ायदेमंद-Shilajit Benefit for Healthy Heart in Hindi

हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए भी आप शिलाजीत का सेवन  सकते है शिलाजीत का उपयोग कोलेस्ट्रॉल यालिपिड की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे रक्त का शरीर में संचरण बिना रूकावट चलता रहता है हृदय की कार्यशीलता सामान्य बनी रहती है।

बुढ़ापे को जल्दी आने से रोकने में शिलाजीत सहायक- Shilajit helpful for delaying aging sign in Hindi

शिलाजीत का सेवन बीमारियों के होने पर ही नहीं उन से बचाव के लिए भी कर सकते है इसके अलावा आप  जल्दी बुढ़ापा लाने वाले लक्षणों को भी रोक सकते है। शिलाजीत में फुल्विक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल्स से हमारी रक्षा करते हैं और कोशिकाओं को टूटने से बचाते हैं इसलिए शिलाजीत के नियमित सेवन से बढती उम्र के लक्षणों को रोका जा सकता है।

एनीमिया को दूर करने में शिलाजीत का उपयोग- Shilajit Benefit for Anemia in Hindi

शिलाजीत का सेवन एनीमिया को दूर करने में भी किया जाता है। स्त्रियों में एनीमिया का होना एक सामान्य समस्या है इसमें स्त्रियों में  शिलाजीत का उपयोग कुछ हद तक इस समस्या को हल कर सकता है क्योंकि शिलाजीत में पाए जाते तत्व जैसे आयरन जो कि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को दूर करने में मदद करता है।

उपयोग करने का तरीका- How To Use Shilajit in Hindi

शिलाजीत उपयोग करने संबंधी नीचे गए तरीको का उपयोग करना चाहिए:

  • शिलाजीत से सेवन की सही मात्रा के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। 
  • शिलाजीत के सेवन के लिए अनुपान यानि साथ, के रूप में  दूध लेना उत्तम होता है। 
  • पुरुष इसको अश्वगंधा के साथ भी मिलाकर ले सकते है। 

शिलाजीत के नुकसान और सावधानियां - Shilajit Side effects and Precautions in Hindi

शिलाजीत के उपयोग से सामान्य तौर पर कोई नुकसान नहीं यदि सही मात्रा और चिकित्सक से परामर्श से कर किया जाये। शिलाजीत सेवन के दौरान आयुर्वेद में कुछ बातों का ध्यान जरूर देना चाहिए जैसे:

भारी यानि देर से पचने वाले आहार का सेवन  करने से परहेज करे लेकिन दूध का सेवन कर सकते है।

  • आयुर्वेद के कुछ आचार्यों  ने कुलथी के सेवन का परहेज करने के लिए कहा है।
  • महर्षि सुश्रुत से शिलाजीत सेवन के दौरान कबूतर के मांस का सेवन निषेध बताया है।
  • यूरिक एसिड रक्त में ज्यादा मात्रा हो तो भी शिलाजीत के उपयोग से बचना चाहिए।
  • पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को चिकित्सक से परामर्श के बाद ही शिलाजीत लेना चाहिए।

शिलाजीत सबंधी पूछें जाने वाले प्रश्न (Shilajit Related FAQ)

 Q. शिलाजीत कब खाना चाहिए- When should we eat Shilajit?

A. शिलाजीत को दिने में एक से दो बार चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दूध से सेवन करें। साथ शिलाजीत के सेवन का तरीका और समय इस बात पर भी निर्भर करता है की आप शिलाजीत को किस रूप में ले रहे है जैसे कैप्सूल या टेबलेट या फिर अन्य रूप में।

Q. शिलाजीत खाने से क्या नुकसान होता है?- What are the side effects of eating Shilajit?

A. शिलाजीत के उपयोग से सामान्य तौर पर कोई नुकसान नहीं यदि सही मात्रा और चिकित्सक से परामर्श से कर किया जाये। शिलाजीत सेवन के दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर देना चाहिए जैसे आप यदि मधुमेह के रोगी है तो शिलाजीत लेने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर ले। उच्च रक्त चाप यानि हाई ब्लड प्रेशर के रोगी को भी शिलाजीत लेने से पहले चिकित्सक से लेना चाहिये। 

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Dr.Sourabh Sahu

BAMS PGDYT Ayurveda Physician Reg.No.50388 Experience: 10years

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