इस लेख में हम पढ़ेंगे patanjali giloy ghan vati benefits in hindi और giloy ghan vati kis kaam aati hai साथ ही giloy ghan vati kaise khaye इस बारे में भी हम यहाँ जानेंगे। Patanjali giloy ghan vati benefits in Hindi लेख में patanjali giloy ghan vati buy online के बारे में भी बताया जायेगा।
पतंजलि गिलोयघन वटी के फायदे- Patanjali Giloy Ghan Vati Benefits
पतंजलि गिलोयघन वटी benefits of giloy vati in hindi के फायदे इस प्रकार से है:[1]
- पतंजलि गिलोय घन वटी का उपयोग सामान्य बुखार में फायदेमंद है।
- पतंजलि गिलोय घन वटी इम्युनिटी(प्रतिरक्षा) बढ़ाने के लिए एक उपचार के रूप में किया जाता है।
- सामान्य दुर्बलता में गिलोयघन वटी का उपयोग फायदेमंद है।
- त्वचा विकारो में गिलोयघन वटी का सेवन आराम देता है।
- मूत्र विकारों में गिलोयघन उपयोगी होती है ।
- डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षणों को कम करने में गिलोयघन वटी का उपयोग किया जा सकता है।
पतंजलि गिलोयघन वटी के घटक- Composition of Patanjali Giloy Ghan Vati
पतंजलि गिलोयघन वटी का घटक इस प्रकार से है:
घटक (Composition) | मात्रा (Quantity) |
गिलोय(Tinospora cordifolia) | 500mg |
और जाने: गिलोय के फायदे के बारे में
पतंजलि गिलोयघन वटी के सेवन की मात्रा- Patanjali Giloy Ghan Vati Dose in Hindi
पतंजलि गिलोयघन वटी का एक वयस्क (adult ) के लिए मात्रा 1 वटी (tablet ) दिन में दो बार या चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ले।
पतंजलि गिलोयघन वटी के सेवन का तरीका- How to Take Patanjali Giloy Ghan Vati in Hindi
पतंजलि गिलोयघन वटी एक वयस्क (adult ) 1 वटी यानि टेबलेट दिन में दो बार कुछ खाने के बाद पानी या शहद से ले या चिकित्सक के परामर्श से उपयोग करे।
पतंजलि गिलोयघन वटी के साइड इफेक्ट्स या सावधानियां- Patanjali Giloy Ghan Vati Side Effects or Precautions in Hindi
पतंजलि गिलोयघन वटी को सेवन करते समय इन बातो का ध्यान रखे
- पतंजलि गिलोयघन वटी की मात्रा के लिए चिकित्सक से परामर्श जरूर करे।
- पतंजलि गिलोयघन वटी को कितने समय तक लेनी है इस के लिए चिकित्सक से सलाह जरूर ले
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलायें औषधि शुरु करने से पहले चिकित्सक से परामर्श ले।
पतंजलि गिलोयघन वटी का मूल्य और पैक साइज- Patanjali Giloy Ghan Vati Price & Pack Size
पतंजलि गिलोयघन वटी मूल्य 100 रुपये और पैक साइज 60 टेबलेट में उपलब्ध (रेट और पैक साइज समय -समय पर परिवर्तनीय) है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- FAQ
आइये जानते है उन सवालो के जबाब जो की अक्सर पूछे जाते है :
पतंजलि गिलोयघन वटी कैसे खाये-Giloy Ghan Vati Kaise Khaye
पतंजलि गिलोयघन वटी एक वयस्क (adult ) -1 वटी यानि टेबलेट दिन में दो बार कुछ खाने के बाद पानी या दूध से ले या चिकित्सक के परामर्श से उपयोग करे।
पतंजलि गिलोयघन वटी किस काम आती है- Giloy Ghan Vati Kis Kaam Aati Hai
पतंजलि गिलोयघन वटी के फायदे इस प्रकार से है [1]
- पतंजलि गिलोय घन वटी का उपयोग सामान्य बुखार में फायदेमंद है।
- पतंजलि गिलोय घन वटी इम्युनिटी(प्रतिरक्षा) बढ़ाने के लिए एक उपचार के रूप में किया जाता है।
- सामान्य दुर्बलता में गिलोयघन वटी का उपयोग फायदेमंद है।
- त्वचा विकारो में गिलोयघन वटी का सेवन आराम देता है।
- मूत्र विकारों में गिलोयघन उपयोगी होती है ।
- डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षणों को कम करने में गिलोयघन वटी का उपयोग किया जा सकता है।
क्या गिलोय तुलसी घनवटी साथ में ले सकते हैं- Kya Giloy Tulsi Ghan Vati Saath Me Le Sakte Hai
चिकित्सक की सलाह से गिलोय और तुलसीघन को साथ लिया जा सकता है क्योंकि गिलोय और तुलसी दोनों ही इम्युनिटी यानि रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाते है।
मूत्ररोग में गिलोयघन वटी के फायदे- Mutra Rog Me Giloy Ghan Vati Ke Fayde
गिलोयघन वटी का सेवन मूत्ररोग में फायदेमंद होता है क्योंकि गिलोयघन वटी का मुख्य घटक गिलोय(Tinospora cordifolia) में एन्टीबैट्रियल का गुण पाया जाता है जो मूत्र मार्ग के संक्रमण (UTI ) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।[2]
गिलोयघन वटी को खाने के बाद ले या पहले-Giloy Ghan Vati Tablets ko Khana khane k Baad khana Chahiye ya Khali Pet
गिलोय घन वटी को सामान्यतः कुछ खाने के बाद लेना बेहतर है या फिर चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ले सकते है।
गिलोयघन वटी को पानी से या फिर किसी और से -Giloy Ghanvati tablets ko Pani ke Sath le Ya Phir
गिलोय घन वटी को पानी के साथ या शहद के साथ ले सकते है या फिर चिकित्सक के निर्देश के अनुसार ले।
अगर मैं डायबिटीज का मरीज हूं तो मैं पतंजलि गिलोयघन वटी ले सकता हूं- Giloy Ghan Vati for Diabetes
गिलोयघन वटी का मुख्य घटक गिलोय(Tinospora cordifolia) है जिसमे एंटी डायबिटीज का गुण पाया जाता है इसलिए आप चिकित्सक से परामर्श लेकर गिलोय घन वटी का उपयोग कर सकते है।[3]
क्या गिलोयघन वटी और अश्वगंधा एक साथ ले सकते है- Kya Giloyghan Vati Aur Ashwagandha Ek Saath Le Sakte Hai ?
गिलोयघन वटी और अश्वगंधा दोनों ही रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में मदद करती है आप अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार और किस रोग में प्रयोग कर रहे है उसके आधार पर उपयोग कर सकते है।
गिलोयघन वटी गरम होती है या ठंडी- Giloyghan Vati Garm Hoti Hai Ya Thandi
गिलोय की तासीर आयुर्वेदिक फार्मोकॉपिया ऑफ़ इंडिया (API) के अनुसार गरम होती है यानि गिलोय का वीर्य उष्ण बताया गया है लेकिन यही त्रिदोष शामक होने के कारण यह वात-पित्त-कफ तीनो के प्रकोप को शांत करने में मदद करती है।[4]