इस लेख में जामुन के फायदों के बारे में (Jamun benefits in hindi) पढ़ेंगे। इसमें हम जामुन के फायदों (Jamun ke fayde) के साथ -साथ हम जामुन खाने से होने वाले नुकसान(Jamun ke nuksaan in hindi) के बारे में भी जानेंगे।
जामुन का परिचय- Jamun Introduction
- जामुन भारतवर्ष का एक सुप्रसिद्ध वृक्ष है । इससे सभी भारतीय भली भांति परिचित हैं । निघन्टु आदि आयुर्वेद के ग्रन्थों में इसका पर्याप्त वर्णन मिलता है । जामुन केवल एक फल का वृक्ष ही नहीं अपितु रोगनाशक औषध भी है जिसका उपयोग अनेक प्रकार के रोगों की चिकित्सा में किया जाता है। साल में एक बार पेड़ के फल और जामुन स्वाद में मीठे और कषाय होते हैं।
- जामुन का उपयोग फल के रूप में तो होता ही है लेकिन महत्वपूर्ण रूप से बीजों का उपयोग बीमारियों की एक श्रेणी का इलाज करने के लिए किया जाता है, सबसे महत्वपूर्ण है डायबिटीज यानि मधुमेह।
जामुन के अन्य नाम- Jamun Common Name in Hindi
संस्कृत - जम्बू, महाजम्बू, क्षुद्रजम्बू । हिन्दी - जामुन, बड़ी जामुन, फलेन्द्र, छोटी जामुन, काकजम्बू, कठजामन । बंगला - जामगाद्द, बड़जाम, क्षुद्रेजाम, वनजाम । मराठी - मोठेजांभूल, नदीजांभूल । गुजराती - राजजाम्बु, रावणांबेलरोपाजाम्बु, डुंगरिजाम्बु, जाम्बुन, क्षुद्रजम्बु । कर्णाटकी - निरलु, दोदुनिरलु, दोहुनिरलु । तेलगु - पेद्दानिरडि, नीरनेरडि अंग्रेजी - जांबीरट्री (Jambir tree) लैटिन - युजिनिया जाम्बोलेना (Eugenia Jambolana), सिझिझियम् जांबोलेनम् (Syzygium Jambolanum) ये जामुन के अन्य नाम है।
जामुन के आयुर्वेदिक गुणधर्म- Jamun Ayurvedic Properties in Hindi
जाम्बवं वातलं ग्राहि स्वाद्वम्लं कफपित्तजित् । हृत्कण्ठकषणं चान्यत् कषायं क्षुद्रजाम्बवम्॥ राजजम्बूफलं स्वादु विष्टिम्भि गुरु रोचनम्।
जामुन का फल वातवर्धक, ग्राही, मधुर अम्ल एवं कफ पित्त को दूर करने वाला है । क्षुद्र जामुन का फल कसाय रसयुक्त तथा हृदय एवं कण्ठ को खींचने वाला होता है । बड़ी जामुन स्वादिष्ट, विष्टम्भी, भारी और रुचिकारी है।
जामुन के फायदे- Jamun Benefits in Hindi
जामुन का हर हिस्सा औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है चाहे वो छाल या पत्ती हो या फिर फल की गुठली। आइये हम यहाँ जानते है कि जामुन का कौन सा हिस्सा किस काम में आता है :
जामुन की गुठली मधुमेह में फायदेमंद- Jamun Benefits for Diabetes
जामुन की गुठली के चूर्ण का उपयोग काफी समय से डायबिटीज में शुगर को नियंत्रित करने में होता रहा है। जामुन की गुठली में पाये जाने वाला विशेष प्रकार का तत्व जिसे जम्बोलिन का जाता है वह शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।[1]
जामुन की छाल या गुठली डायरिया में फायदेमंद- Jamun for Diarrhea in Hindi
जामुन की छाल का काढ़ा या फिर गुठली का चूर्ण डायरिया की समस्या में आपको आराम दे सकता है क्योंकि इसने पाये जाने वाला एस्ट्रिंजेंट प्रभाव डायरिया के वेग(frequency) को नियंत्रित कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार भी जामुन का कषाय गुण अतिसार और प्रवाहिका के वेग को नियंत्रित करने में मदद करता है साथ ही डायरिया में मल के साथ रक्त के आने की समस्या में फायदेमंद होता है।[2]
जामुन मसूड़ों और दाँत की समस्या में फायदेमंद- Jamun For Teeth and Bleeding Gums
यदि आप दाँत और मसूड़ों से संबंधित जैसे मसूड़ों में सूजन या मसूड़ों से खून आने की समस्या से परेशान है तो आप जामुन के फल, बीज और पत्तियों उपयोग कर सकते है जो की दाँतो को मजबूती देने के साथ- साथ खून को आने से भी रोकता है क्योंकि इसमें विटामिन-सी के साथ- साथ एस्ट्रिंजेंट प्रभाव भी होता जो मसूड़ों और दाँतो की समस्या में फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के अनुसार भी कषाय रस होने के कारण ये मसूड़ों से निकलने वाले रक्त हो रोकने में मदद करता है।[3],[4]
जामुन कोलेस्ट्रॉल की समस्या में फायदेमंद- Jamun for Hypercholesterolemia
जामुन गुठली का उपयोग आप कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को रक्त में नियंत्रित करने के लिए कर सकते है। जामुन गुठली में हाइपो लिपिडेमिक की क्रिया शीलता पायी जाती है जो की कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को रक्त में आवश्यकता ज्यादा नहीं होने देती है इसलिए यदि आप को हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हृदय रोग होने की संभावना है तो आप जामुन की गुठली का चूर्ण सेवन कर सकते है।[5]
जामुन का सेवन लीवर के लिए फायदेमंद- Jamun for Liver Problems
जामुन के फल का सेवन लीवर संबंधी रोगों में फयदेमंद होता है। यदि आप किसी प्रकार के लीवर संबंधी समस्या से जूझ रहे है तो आप जामुन का सेवन शुरू कर सकते है। जामुन फल में पाये जाने वाले विशेष प्रकार के प्राकृतिक लीवर की शोथ को कम कर लीवर को मजबूती प्रदान कर में मदद करते है जिससे लीवर अपना कार्य सुचारु रूप से करता रहता है।[6]
ये भी पढ़े: लीवर मजबूत कैसे करें
जामुन का सेवन खून की कमी फायदेमंद- Jamun Benefits for Anemia in Hindi
जामुन की गुठली का उपयोग एनीमिया की समस्या यानि खून की कमी को दूर करने में मददगार है एक रिसर्च के अनुसार जामुन गुठली टोटल हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करती है जिससे एनीमिया की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।[5]
त्वचा के जामुन फायदेमंद- Jamun Benefits For Skin
- त्वचा संबंधी समस्या में जामुन का उपयोग बाह्य और आतंरिक दोनों रूप से फायदेमंद होता है जामुन की गुठली का उपयोग समस्या में आंतरिक रूप से यानि खाने में करने से फायदा मिलता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो कि त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को दूर करने में मदद करता है।[5]
- साथ ही जामुन पत्ती या छाल से बने काढ़े का उपयोग त्वचा पर बाहरी रूप से उपयोग करने से ये त्वचा की गंदगी के साथ त्वचा भी टाइटनेस लाता है जिससे त्वचा साफ़ और दाग-धब्बे रहित दिखने लगती है क्योंकि इनमे आयुर्वेद के अनुसार कषाय(एस्ट्रिंजेंट ) की क्रिया शीलता पायी जाती है।
जामुन के उपयोग का तरीका- How to Use Jamun in Hindi
जामुन का पेड़ आसानी आपको अपने आस पास मिल जायेगा जिसकी पत्तियों और छाल उपयोग आप किसी भी मौसम में कर सकते है लेकिन इसके फल वर्षा ऋतु में ही आते है और फल की गुठली को इकट्ठा कर सुखाकर रखकर पीस ले और उसका चूर्ण बना के। आजकल बाजार में जामुन के बने कई औषधीय उत्पाद मिलते है जैसे
- जामुन गुठली चूर्ण
- जामुन का रस
- जामुन का सिरका
- जामुन सीड्स एक्सट्रेक्ट का कैप्सूल
- इसमें से किसी भी एक उत्पाद का उपयोग आप चिकित्सक के परामर्श से कर सकते है।
जामुन के नुकसान- Jamun Side Effects in Hindi
जामुन को स्वाद अनुसार और सीमित मात्रा में खाया जाये तो इसके कोई घातक दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले है, लेकिन जामुन गुठली और इसकी छाल का उपयोग औषधि के रूप में करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखे जैसे:
- जामुन गुठली चूर्ण की मात्रा और सेवन की अवधि के बारे में चिकित्सक से जरूर परामर्श ले।
- मात्रा से अधिक सेवन करने पर पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।
- यदि आप इसका उपयोग औषधि के रूप में कर रहे है और यदि आप मधुमेह से पीड़ित है तो शुगर की रक्त में जांच करते रहे क्योंकि जामुन गुठली शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करती है।[7]