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बेल जूस पीने के फायदे- Bel Juice Benefits in Hindi - mykaaya.com | स्वास्थ्य का आधार

बेल जूस पीने के फायदे- Bel Juice Benefits in Hindi

हम इस लेख में पढ़ेंगे Bel juice benefits in Hindi जिसमें हम पढ़ेंगे Bel ka juice peene ke fayde गर्मियों के मौसम में। इस लेख में Bael Juice को Bael के द्वारा बनाया जाता है इसलिए Bel ke Benefit ही Bel juice में भी मिलेगें। यहाँ पर हम how to make Bel juice at home और Best time to drink Bael juice भी जानेंगे।

बेल जूस का परिचय- Introduction of Bael in Hindi

  • बेल का जूस बेल नामक पेड़ के पके हुए फल से बनाया जाता है इसलिए बेल जूस के बारे में जानने से पहले आइये हम बेल के पेड़ संबंधी कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ को जान लेते है।बेल अति प्राचीन पूर्ण रूपेण भारतीय वृक्ष है। शास्त्रपुराण एवं वैदिक साहित्य में इसे दिव्य वृक्ष कहा गया है।
  • इस वृक्ष में लगे हुए पुराने पीले पड़े हुए फल वर्ष उपरान्त पुनः हरे हो जाते हैं तथा इसको तोड़ कर सुरक्षित रखे हुए पत्र 6 माह तक ज्यों के त्यों बने रहते हैं एवं गुणहीन नहीं होते।
  • वेद कालीन साहित्य में बिल्व का प्रयोग रक्षोघ्न, रसायन, प्रजास्थापन एवं विषघ्न के रूप में मिलता है।चरक संहिता ' सांग्राहिक, दीपनीय एवं वातकफहर कहा है और सुश्रुत ने बिल्व को रसायन माना है। भगवान् शिव का प्रियवृक्ष भी बिल्व ही  है।
  • देश में बिल्ब का पेड़ 12 मीटर का होता है जो की जंगल पाया जाता है साथ ही इसकी भी खेती की जाती है इसके फल का छिलका हटा दिया जाता है और लुगदी को काटकर सुखाया जाता है।[1]

बेल के सामान्य नाम- Common Name of Bel in Hindi

संस्कृत- श्रीफल:, कण्टकी, सदाफल:, महाकपित्थ:,बिल्वः, शाण्डिल्यः, शैली, मालूम। हिन्दी-बेल, श्रीफल। उर्दू-बेल। असमिया-बेल (बेल); कोंकणी-बेल (Bel); उड़िया-बेलो (Belo), बेलथाई (Belthei); कन्नड़-बेलपत्रे (Bailpatre); गुजराती-बीली (Beli); तेलुगु-मारेडु (Maredu), बिल्वपंडु (Bilvpandu); तमिल-बिल्व (बिल्व), बिल्व परम (बिल्व परम); बंगाली-बेल (बेल); नेपाली-बेल (Bel); मराठी-बेल (Bael),बीली (Bili),बोलो (Bolo); अंग्रेज़ी-बेल ट्री (Bael tree), बेल फ्रूट (Bel fruit), इंडियन बेल (Indian bael)। लैटिन नाम- Aegle marmelos

बेल के आयुर्वेदिक गुणधर्म- Ayurvedic Properties of Bel in Hindi

श्रीफलस्तुबरस्तिक्तो ग्राही रूक्षोऽग्निपित्तकृत्। वातश्लेष्महरी बल्यो लघुरुष्णश्राच पाचन:  बिल्वमूलं त्रिदोषघ्नं छर्दिनं मधुरं लघु। बिल्वस्य तु फलं बालं स्निग्धं संग्राहि दीपनम।।

भावप्रकाश

बेल उष्ण, कफवातशामक, रुचिकारक, दीपन, पाचन, हृदय, रक्त स्तम्भन, कफघ्न, मूत्र एवं मूत्रगत शर्करा को कम करने वाला, कटु पौष्टिक, अतिसार, रक्तातिसार प्रवाहिका मधुमेह, श्वेत प्रदर अतिरज:क तथा रक्तार्श -नाशक होता है। बालफल-लघु, तिक्त, कषाय, दीपन पाचन, स्निग्ध उष्ण शूल, आमवात, संग्रहणी, वात-कफ नाशक तथा आंत के लिए बलकारक है।

तरुण व अपक्वफलतपु, कटु, कसैला, उष्ण, स्निग्ध संकाचक, दीपन, पाचन, हृदय-विकार एवं कफवातशामक है। बिल्व की मज्जा और बीज का तेल अति-उष्ण एवं वात शामक होता है।पक्वफल-गुरु, कटु, तिक्त रस-युक्त, मधुर रस प्रधान, उष्ण, दाहकारक, जातानुलोमक, वायु को उत्पन्न करने कला एवं बलकारक होता है। बेल पत्र-संपादक, पाचक, त्रिदोष-विकार सामक, कफ-नि:सारक, व्रणशोधक, शोथहर वेदना-संस्थापक तथा मधुमेह, जलोदर, कामला,ज्वर, नेत्राभिष्यंद आदि में उपयोगी है।

बेल जूस के फायदे- Bel Juice Benefits in Hindi

आइये अब हम यहाँ से जानते है बेल जूस Bel juice benefits in Hindi पीने किया फायदे हो सकते है :

बेल जूस डायरिया और डिसेंट्री में फायदेमंद- Bael Juice Benefits for Diarrhea and Dysentery in Hindi

बेल के अध पके फल का जूस और शरबत है सेवन डायरिया और डिसेंट्री में फायदेमंद होता है विशेष रूप से गर्मियों में होने वाली इस प्रकार की समस्या में इसका ताजा बना हुआ शरबत या जूस बहुत ही लाभदायक होता है। बेल में जाने वाला एन्टीबैट्रिअल गुण और एंटी-डायरिया गुण पाचन की समस्या को दूर कर  डायरिया और डिसेंट्री में फायदा देते है।[2] आयुर्वेद के अनुसार भी बेल ग्राही और पाचन का गुण  डायरिया और डिसेंट्री के लक्षणों को कम करने मे मदद  है।[3]

बेल का जूस लीवर के लिए फायदेमंद- Bael Juice Benefits for Liver

बेल जूस का सेवन लीवर के लिए फायदेमंद होता है। यदि आपके लीवर के कार्य करने की क्षमता कम हो गयी यानि कि आप का लीवर कमजोर है तो आप इस गर्मी के मौसम में बेल का जूस पी सकते है क्योंकि बेल के पत्र और फल दोनों में ही हेपटो-प्रोटेक्टिव का गुण पाया जाता है साथी हि इसमें एंटीऑक्सीडेंट की भी क्रियाशीलता पायी जाता है। इस सभी गुणों के कारण बेल का जूस लीवर संबधित रोगों में फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के अनुसार भी विल्ब में दीपन-पाचन का गुण होता है जोकि पाचन संस्थान को मजबूती प्रदान करता है।[4]

बेल का सेवन कब्ज से भी दे राहत- Bael Benefits for Constipation in Hindi

जी हाँ, बेल का सेवन कॉन्स्टिपेशन यानि कब्ज में भी राहत देने का काम करता है। यदि आप पुरानी कब्ज से परेशान है और आपके खान-पान में फाइबर कम है तो आप बेल का उपयोग कर है क्योंकि बेल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो की आंतों से मल की सफ़ाई करने में मदद करती है जिससे कब्ज में आराम है।[5]

बेल जूस रखे हृदय को स्वस्थ्य- Bael Helps to Promote Healthy Heart

बेल का जूस हृदय को स्वस्थ्य रखने में भी मदद करता है। बेल में पाये जाने वाली कार्डिओ-प्रोटेक्टिव की क्रियाशीलता हृदय को सही तरीके से अपना कार्य करने में मदद करती है इसलिए हृदय को बीमार होने से बचाने के लिए गर्मियों के मौसम में बेल का जूस का सेवन एक अच्छी पहल हो सकती है।[6]

बेल का जूस बढ़ाये रोग प्रतरोधक शक्ति - Bel Juice Benefits for Immunity

बेल जूस का सेवन रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में मदद करता है जी हाँ, यदि आप अपनी रोगों से लड़ने की शक्ति इस गर्मी में भी बढ़ाये रखना चाहते है तो बेल जूस सेवन आपके लिए के अच्छा विकल्प है क्योंकि बेल में इम्मुनो मॉडुलेटरी का गुण पाया जाता है। आयुर्वेद में भी बिल्व को रसायन कहा गया है जिसका अर्थ होता है आरोग्य को देने वाला यानि बिल्व का सेवन आरोग्य देने वाला होता है।[7]

बेल जूस बनाने का तरीका- How to Make Bel Juice at Home in Hindi

  • बेल के पके हुए फल पर सख्त आवरण होता है।जिसको पहले तोड़ना है। 
  • फिर एक चम्मच के साथइस फल के गूदे या लुगदी को स्कूप करें। 
  • फिर इस गूदे को एक बड़े कटोरे में इकट्ठा करें।
  • इसके बाद अपने हाथों से गूदे को पानी में मसल लें और इसे लगभग 30 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दे। 
  • इसके बाद इस मिश्रण को छलनी से छान लें और बीज और फाइबर को अलग कर दें।
  • अगर यदि आप फाइबर को भी उपयोग में लाना चाहते तो बड़े छिद्र वाली छलनी का उपयोग कर सकते है।
  • इसका स्वाद वैसे भी मीठा होता है लेकिन आप स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें गुड़, नींबू का रस मिला सकते है। 
  • अब का बेल शरबत बनकर तैयार है इसको ठंडा कर कर उपयोग कर सकते है ये ताजा बना हुआ ही लेना फायदेमंद होता है। 
Bel juice benefits in Hindi

बेल जूस पीने के नुकसान- Bael Juice Side Effects in Hindi

बेल जूस के सेवन किसी प्रकार किसी प्रकार गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाये गए है लेकिन इसके सेवन से करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जो इस प्रकार से है :

  • बेल का जूस बनाते समय इसके बीजों को अच्छी प्रकार से अलग कर दे। 
  • बेल जूस का मात्रा से अधिक सेवन पाचन को बिगाड़ भी सकता है यानि की इसका मात्रा से अधिक सेवन कब्ज का कारण भी बन सकता है।[8]

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Dr.Sourabh Sahu

BAMS PGDYT Ayurveda Physician Reg.No.50388 Experience: 10years

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