आज हम यहाँ जानेगे अस्थमा रोकने के घरेलू उपाय Asthma Home Remedies in Hindi और how to use home remedies घर पर जहाँ पर हम चिकित्सक की सहायता से इमरजेंसी को रोक सके।
अस्थमा परिचय- Asthma Introduction
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो श्वास की नलियों को संकुचित कर देती है जिससे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। यह एक गंभीर समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है।
अस्थमा के लक्षण- Asthma Symptoms
दमा के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न होते हैं। आपको कभी-कभी दमा की चपेट में आने की समस्या हो सकती है, जैसे जब व्यायाम करते समय या हमेशा समस्या हो सकती है।दमा के लक्षण और संकेत में शामिल हैं:
- सांस की कमी
- सीने में दर्द या संकोच
- सांस छूटते समय व्हीजिंग, जो बच्चों में दमा का एक सामान्य संकेत है
- सांस लेने में कठिनाई से होने वाली नींद की समस्या,
अस्थमा को रोकने के घरेलू उपाय- Asthma Home Remedies in Hindi
कुछ घरेलू और आयुर्वेद में अस्थमा के इलाज के लिए कई प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय हैं जो इस समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं और रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। आइये इनको विस्तार से जानते है:
च्यवनप्राश का सेवन
च्यवनप्राश, जिसे आयुर्वेद में एक प्रमुख रूप से फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना जाता है, विभिन्न प्रकार के औषधीय और पौष्टिक तत्वों से युक्त होता है। इसमें अमला, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, केशर, गौरी, शतावरी, आदि जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो शरीर को ऊर्जा और पोषण प्रदान करती हैं। च्यवनप्राश के नियमित सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
वासा या अडूसा चूर्ण का उपयोग
वासा जिसे अडूसा भी कहा जाता है। अस्थमा के इलाज में उपयोगी हो सकता है। वासा में विशेष गुण होते हैं जैसे एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, और एंटी-बैक्टीरियल गुण जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।
अजवाइन के तेल का उपयोग
काफ़ी लाभकारी हो सकता है। इसे श्वासनली में लगाने से सांस लेने में आसानी होती है। अजवाइन के तेल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो अस्थमा के इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं। इसका नियमित सेवन श्वासनली संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। अजवाइन के तेल को हल्के गरम तेल के साथ मिलाकर सीधे सीने पर मालिश करने से श्वासनली के ठीक काम करने में मदद मिल सकती है।
यूकेलिप्टस (नीलगिरि) के तेल की मालिश
यूकेलिप्टस (नीलगिरि) का तेल अस्थमा के इलाज में उपयोगी हो सकता है। इसकी मालिश से श्वासनली के मार्ग को साफ़ करने में मदद मिलती है, जिससे फेफड़ों में जमा कफ को बाहर निकालने में सहायक होता है। यह एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है, जो श्वासनली में संक्रमण को कम करने और फेफड़ों की स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसका नियमित उपयोग श्वासनली की क्षमता को बढ़ा सकता है और अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है।
प्राणायाम और योग अस्थमा में लाभदायक
प्राणायाम और योग अस्थमा के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्राणायाम करने से श्वासनली की क्षमता मजबूत होती है और श्वास की समस्याएं कम होती हैं। योगासन भी श्वासनली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और श्वास लेने में सहायक हो सकते हैं। योग और प्राणायाम से तनाव कम होता है जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, योग और प्राणायाम मानसिक स्थिति को भी सुधार सकते हैं, जिससे अस्थमा के लक्षणों का प्रबंधन करना आसान हो सकता है।