इस लेख में Ashwagandha benefits in hindi पढ़ेंगे।साथ ही हम Ashwagandha in hindi name और Ashwagandha churna ka sevan kaise kare के बारे में भी जानेगे। साथ हम ये भी जानने की कोशिश करेंगे क्या Ashwagandha powder benefits in hindi for height में असरदायक है कि नहीं। अश्वगंधा के खाने के तरीके how to use Ashwagandha in hindi और Ashwagandha kab khana chahiye भी पढ़ेंगे।
अश्वगंधा का परिचय-Ashwagandha Introduction
अश्वस्थ गन्ध इव गन्धो यस्याः सा ।अर्थात मूल में जिसके मूत्र अश्वगन्ध की हो, वह अश्वगंधा है। यह देश-भेद से कई प्रकार की होती है, परन्तु असली अश्वगंधा के पौधों को मसलने पर अश्व के मूत्र जैसी गंध आती है, जो इसकी ताजी जड़ में अपेक्षाकृत अधिक होती है।इसके दो प्रकार हैं-
- एक छोटी असगन्ध। इसक क्षुप छोटा होने से यह छोटी असगन्ध कहलाती है। किन्तु इसकी जड बड़ी होती है। नागौर (राजस्थान) में यह बहुत हुआ करती है इसीलिए नागौरी असगंध के नाम से प्रसिद्धि बनी हुई है।
- दूसरी बड़ी या देशी असगन्ध है। इसका क्षुप बड़ा होता है, किन्तु जड़ें छोटी और पतली होती है। यह बाग-बगीचों, खेतों और पहाडी स्थानों में सामान्य रूप में पायी जाती है।असगन्ध में वाजीकरण गुणों की प्रधानता होने से और उसकी गन्ध कुछ अश्व के मूत्र की गंध जैसी होने से संस्कृत में इसकी बाजी या अश्व से सम्बन्धित नाम रखे गए हैं तथा अश्वगन्धा का ही अपभ्रंश हिन्दी में असगन्ध हुआ है।
अश्वगंधा के अन्य नाम- Common Name of Ashwagandha
हिंदी-असगन्ध, नागोरी असगन्ध । मराठी -ढोरगुंज, तूल कंचुकी । बंगाली -अश्वगन्धा । गुजराती -आहन, आसध्य । कन्नड़ -अंगरबेरु । तेलगु -पैन्नेरुगड्डु, पिल्ली आंड्रा, अच्वगन्धी । तमिल -चुवदिगं । फारसी -बेहमनबरीं। अंग्रेजी -Winter cherry (विटरचेरी)। लेटिन - Withania somnifera (विथानिया सोम्नीफेरा)।
अश्वगंधा के आयुर्वेदिक गुण-धर्म- Ayurvedic Properties of Ashwagandha
अश्वागन्धाऽनिलश्लेष्मश्वित्रशोथक्षयापहा। बलकारका रसायनी तिक्ता कषायोष्णाऽतिशुक्रला।।
भावप्रकाश
अश्वगन्धा कषायोष्णा तिक्तावातकफापहा। विषव्रणक्षयान् हन्ति कान्तिवीर्यब्वलप्रदा॥ अश्वगन्धा कटूष्णा स्यात्तिक्ता च मदगन्धिका। बलकारका वातहरा हन्ति कासश्वासक्षयवणान्॥
अश्वागन्धाऽनिलश्लेष्मश्वित्रशोथक्षयापहा। बलकारका रसायनी तिक्ता कषायोष्णाऽतिशुक्रला।।
अर्थात अश्वगंधा कफ वातशामक, बलकारक, बृंहण, रसायन, वाजीकरण नाड़ी-बलकारक, दीपन, पुष्टिकारक, शुक्र कारक, धातु वर्धक पाचक होता है। अश्वगंधा के फल एवं बीज मूत्रल तथा निद्राकारक होते हैं।
अश्वगंधा की मूल मूत्रल, स्वेदक, रोग प्रतिरोधक क्षमता नियामक (Immunomodulator), तनावरोधी, प्रशामक, वाजीकारक तीक्ष्ण, तिक्त. आर्तववर्धक; श्वित्र, विबन्ध, अनिद्रा, मानसिक विकार, दौर्बल्य, श्रम, तनावजन्य विकार, जलशोफ, अजीर्ण, हिक्का संधिशूल, फुफ्फुसशोथ तथा उन्माद नाशक होती है।
अश्वगंधा के फायदे- Ashwagandha Benefits in Hindi
अश्वगंधा के परिचय, नाम और उसके आयुर्वेदिक गुणों को जानने के बाद आइये अब हम उसके फायदों Ashwagandha benefits in hindi के बारे में जानते है:
अश्वगंधा का सेवन पुरुषों के लिए फायदेमंद-Ashwagandha Benefts for Men in Hindi
- अश्वगंधा का सेवन पुरुषों के लिए फ़ायदेमदं होता है विशेष रूप से मेल इनफर्टिलिटी (male infertility) की समस्या में जहां पर शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गुणवत्ता में कमी होती है।
- अश्वगंधा का नियमित रूप से सेवन करने से यह शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गुणवत्ता दोनों में सुधार कर संतान पैदा की समभावना को बढ़ाता है।अश्वगंधा में पाये जाने वाले तत्व टेस्टोस्टेरोन (testosterone booster)को बढ़ाने में मदद करते है इसलिए ये पुरुषों के लिए फायदेमंद होता है।[1]
- आयुर्वेद के अनुसार भी अश्वगंधा में रसायन और बाजीकरण का गुण होता है जो पुरुषों के दौर्वल्यता को दूर करने के साथ साथ ही बंधत्व को दूर करने में मदद करता है।
अश्वगंधा का सेवन मांसपेशियां मजबूत करने में सहायक- Ashwagandha Improves Muscles Strength or Bodybuilding
- आप यदि कमजोर शरीर और मांस पेशियों से परेशान है तो आपके के लिए अश्वगंधा का उपयोग फायदेमं है क्योंकि रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा में पाये जाने वाला अडेपटोजेनिक गुण मांस पेशियों को मजबूत करने में मदद है जिससे शरीर बलशाली दिखने लगता है।[2]
- आयुर्वेद के अनुसार भी अश्वगंधा का वृष्य और बल्य का गुण शरीर की धातुओं को पोषण देकर शरीर की मांस पेशियों को मजबूत बनता है।
अश्वगंधा मानसिक तनाव को करे दूर-Ashwagandha Benefits for Stress in Hindi
- आजकल की भाग दौड़ की जीवन शैली में मानसिक तनाव होना एक आम सी समस्या है। आज का नौजवान किसी न किसी कारण कभी न कभी मानसिक तनाव तो महसूस करता है। इस समस्या को अश्वगंधा कुछ हद तक नियंत्रित करता है क्योंकि अश्वगंधा में एंटी स्ट्रेस का गुण पाया जाता है जो स्ट्रेस यानि मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।[3]
- आयुर्वेद में इसका वात को नियंत्रित करने के गुण के कारण यह तनाव को कम करने में मदद करता है क्योंकि वात का प्रकोप तनाव का कारण होता है।
अश्वगंधा का सेवन आये अच्छी नींद-Ashwagandha Good For Sleep in Hindi
- नींद का ठीक से आना या फिर नींद का बीच-बीच में टूटना एक आम समस्या है जो की आजकल की तनाव भरी जीवनशैली में होती है। नींद की समस्या होने के कारणों में मानसिक तनाव का रहना एक मुख्य कारण है इस समस्या में अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद होता है। रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा का सेवन स्ट्रेस या एंग्जायटी को कम कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है।[4]
- आयुर्वेद के अनुसार भी अनिद्रा का कारण वात का प्रकोप होना मुख्य कारण है और अश्वगंधा का सेवन वात को नियंत्रित करने में सहायक है इसलिए यह नींद लाने में सहायक होता है।
अश्वगंधा का सेवन करे शुक्राणुओं की संख्या में सुधार-Ashwagandha Increases Sperm count
- जैसा की हम ने पहले भी बताया है की अश्वगंधा का सेवन पुरुषों के लिए फायदेमंद होता है विशेष रूप से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में कमी होने पर होता है। अश्वगंधा का सेवन नियमित रूप से चिकित्सक के परामर्श से लेने पर यह शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता (Sperm counts and quality) को बढ़ाए में मदद करता हो क्योंकि अश्वगंधा में स्पर्मेटोगेनेसिस एक्टिविटी पायी जाती है।[5]
- आयुर्वेद के अनुसार भी अश्वगंधा रसायन और बाजीकारक होता है जो सप्त धातुओं का पोषण कर शरीर को पुष्ट करने में मदद करता है।
अश्वगंधा रखे हृदय को स्वस्थ्य-Ashwagandha keeps Heart Healthy
- अश्वगंधा का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है विशेष रूप से जिनका कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा हुआ होता है। अश्वगंधा का सेवन कोलेस्टरोल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है क्योंकि इसका ह्यपोलिपिडेमिक प्रभाव होता है जो कि लिपिड के स्तर को रक्त में बढ़ने नहीं देता है और हृदय अपना काम सुचारु रूप से काम करता रहता है।[6]
अश्वगंधा का सेवन स्त्रियों के फायदेमंद-Ashwagandha Benefits for Female
- अश्वगंधा का सेवन पुरुषों के लिए अकेला फायदेमन्द नहीं ये स्त्रियों के रोगों में भी फायदेमंद होता है इसलिए इसको स्त्रियाँ भी ले सकती है विशेष रूप से शरीर के जोड़ों में होने वाले दर्द की समस्या में। अश्वगंधा का सेवन जोड़ों के दर्द में असरदायक आराम देता है क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है जोकि जोड़ों और सूजन में आराम देता है।[7]
- आयुर्वेद के अनुसार भी जोड़ों में दर्द का मुख्य कारण वात का बढ़ाना होता है और अश्वगंधा में वात को कम करने का गुण होता है इसलिए अश्वगंधा जोड़ों के दर्द में आराम देता है।
अश्वगंधा का लम्बाई के उपयोग-Ashwagandha for Height Growth
- अश्वगंधा का सेवन शरीर को सभी प्रकार से मजबूती देने में मदद करता है क्योंकि है एक अच्छा रेजुवेनटर यानि रसायन है जो शरीर के हर धातु (एलिमेंट्स) को मजबूती प्रदान करने के काम करता है अश्वगंधा सेवन और शरीर परिश्रम करने से ये शरीर के विकास में मदद करता है।[8]
- अश्वगंधाको सिर्फ लम्बाई बढ़ाए के लिए उपयोग आने वाली औषधि के रूप में सेवन न करके समस्त शरीर के विकास के लिए उपयोग होने वाली औषधि समझ कर उपयोग करना किये क्योंकि इसमें रसायन(Rejuvenating) का गुण होता है।
अश्वगंधा का सेवन डायबिटीज में फायदेमंद-Ashwagandha Good for Diabetes
- मधुमेह के रोगियों में अश्वगंधा का उपयोग फायदेमंद होता है।यदि आप डायबिटीज से ग्रसित और रक्त में शर्करा यानि शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं रहती है तो आप अश्वगंधा का सेवन शुरू कर सकते है क्योंकि अश्वगंधा में हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव देखा गया है जिसकी बजह से यह शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।[9]
- आयुर्वेद के अनुसार यह रसायन है इसके कारण से अश्वगंधा मधुमेह में होने वाली दौर्बल्यता (weakness) को भी यह दूर करने में मदद करता है।
अश्वगंधा के उपयोग करने का तरीका- How to Use Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा को हम बहुत से तरीकों से उपयोग कर सकते है क्योंकि बाजार में कई रूपों में मिलता है जैसे अश्वगंधा जड़ सूखा हुआ जिसका आप पाउडर बना सकते है, बाजार के द्वारा तैयार पावर, कैप्सूल्स,टेबलेट और अब इसका जूस भी आप खरीद सकते है। आइये अब जानते है की इसको लेना कैसे है :
- अश्वगंधा चूर्ण- अश्वगंधा के चूर्ण की मात्रा चिकित्सक के बताये अनुसार लेकर दूध या शहद से ले।
- अश्वगंधा कैप्सूल या टेबलेट- चिकित्सक के द्वारा बताई गयी मात्रा कुछ खाने के बाद दूध से ले।
- अश्वगंधा जूस- आजकल बाजार में अश्वगंधा का जूस भी उपलब्ध है। इसकी चिकित्सक द्वारा बतायी गई मात्रा में लेकर उसमे समान मात्रा में पानी मिलाकर ले।
अश्वगंधा के नुकसान या सावधानियां- Ashwagandha Side Effects in Hindi
अश्वगंधा को चिकित्सक के द्वारा बतायी गए निर्देशों से लेने से इसके नुकसान नहीं होते है लेकिन इसके उपयोग से पहले निम्न बातों पर ध्यान देने चाहिए:
- मात्रा से अधिक लेने से पाचन सम्बन्धी समस्या हो सकती है।
- अश्वगंधा शुगर को कम करने में मदद करती है इसलिए डायबिटीज के रोगो इसको उपयोग करते समय अपना शुगर के लेवल की जांच करते रहे।
- उच्च रक्त चाप यानि हाइपरटेंशन के रोगी इसके उपयोग करते समय अपना ब्लड प्रेशर की जांच करते रहे क्योंकि यह रक्तचाप को कम करने में मदद करती है।
- गर्भवती महिलायेऔर स्तनपान (ब्रैस्ट फीडिंग ) कराने अश्वगंधा का उपयोग से पहले चिकित्सक से परामर्श ले।[10]
अश्वगंधा सम्बन्धी पूछे जाने वाले सबाल- Ashwagandha FAQs
A. अश्वगंधा का सेवन अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उपयोग करना चाहिए साथ जब तक आप के रोग के लक्षण शांत न हो जाये तब तक आप अश्वगंधा का उपयोग कर सकते है। बेहतर होगा की चिकित्सक निर्देश के अनुसार ही उपयोग करे।
A. अश्वगंधा का सेवन कुछ खाने के बाद लेना चाहिये या फिर चिकित्सक के अनुसार बातये गए समय पर ले।
A. आयुर्वेद के अनुसार अश्वगंधा लघु (light to digest) होता है इस कारण इसको आसानी से डाइजेस्ट किया जा सकता है इसलिए किसी विशेष प्रकार के परहेज की आवश्यकता नहीं है लेकिन आप अपने रोग के अनुसार अश्वगंधा लेते समय परहेज संबंधी सलाह अपने चिकित्सक से ले सकते है।
A. अश्वगंधा का चूर्ण अश्वगंधा की जड़ से बनता है इसको बनाने की विधि इस प्रकार से है 1. अच्छी किस्म की सुखी हुई अश्वगधा की जड़ ले
2. अब इनको अच्छी तरह से धूप में सूखा ले
3. फिर इसको खरल (एक प्रकार का पात्र जिसको कूटने के लिये उपयोग करते है ) में कूटे
4. बारीक कुटी अश्वगंधा की जड़ को ग्राइंडर में डालकर बारीक पाउडर या चूर्ण बना ले
5. इस प्रकार आपका अश्वगंधा चूर्ण तैयार हो गया इसको एयर टाइट कंटेनर में रख ले
बाजार में तैयार किया अश्वगंधा चूर्ण आसानी से मिल जाता है आप उसको भी उपयोग कर सकते है।
A. अश्वगंधा आयुर्वेद में वर्णित एक महत्वपूर्ण पौधे से प्राप्त औषधि है जिसका सेवन शरीर की अंधरुनी शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा को रसायन कहा है जिसका अर्थ होता है आरोग्य देने वाला। अश्वगंधा का सेवन चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिए।
A. आयुर्वेद की किसी भी औषधि का सेवन चिकित्सक के परामर्श के करना चाहिये यानि जब भी आप अश्वगंधा का सेवन करे चिकित्सक की सलाह से ही करें, सामान्य तौर पर अश्वगंधा को खाली पेट लेने से परहेज करें।
A. अश्वगंधा को आयुर्वेद में बल्य और रसायन बताया गया है यानि अश्वगंधा का सेवन शरीर की धातुओं को पोषण देता है जिससे यह मांस धातु की भी वृद्धि करता है और वजन को बढ़ाने में मदद करता है।
A. अश्वगंधा और शहद का सेवन शरीर को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है साथ हि अश्वगंधा और शहद दोनों ही आयुर्वेद के अनुसार रसायन है यानि आरोग्य को देने वाले है क्योंकि यह दोनों ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है जिससे शरीर रोगों को फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया लड़ने में कारगर होता है।
A. अश्वगंधा को दूध के सेवन करने से अश्वगंधा शरीर को पोषण देता जिससे शरीर में मांस की वृद्धि होती है। अश्वगंधा का दूध का सेवन के साथ मानसिक तनाव को दूर कर अच्छी नींद लाने में भी मदद करता है।